Indian Railways, Compensation For Luggage Stolen In Train : अगर आप भी रेलवे में सफर करते हैं तो आपके लिए बहुत ही बढ़िया खबर देखने को मिल रहा है।
अक्सर लोग एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए ट्रेन की मदद लेते हैं। रेलवे से यात्रा करना सबसे आरामदायक भी होता है। रेलवे में लोगों को बहुत सारी सहूलियत मिलती है। भारतीय रेलवे की तरफ से 5 सालों से पहले से बेहतर यात्रियों को बहुत सारी सुविधाएं मिल रही है। आपको पता होना चाहिए कि भारतीय रेलवे से रोजाना लगभग 3 करोड़ यात्री सफर करते हैं। भारतीय रेलवे दुनिया के चौथे सबसे बड़ा रेलवे अवस्था है। वहीं पिछले कुछ सालों से रेलवे में सफर करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि रेलवे ने अपने सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की है। लेकिन अभी भी कहिए ऐसे मामले रेलवे पर देखने को मिल जाते हैं जहां पर आए दिन चोरी लूटपाट के मामले नजर आते हैं। ऐसे में अगर आप रेल यात्रा से सफर कर रहे हैं और आपका सामान चोरी हो जाता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। आप जिम्मेदार होंगे या रेलवे इसको लेकर आपको हरियाणा देना होगा इस पर कंज्यूमर कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया गया है आईए जानते हैं।
Indian Railways, Compensation For Luggage Stolen In Train
अगर आप ट्रेन के आरक्षित देबो में सफर करते हैं और कोई सामाजिक तत्व आपका सामान चोरी कर ले जाता है। तो आपको आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे मौके पर यह जिम्मेदारी रेलवे की होती है। कि जब यात्री आरक्षण डिब्बे में सफर कर रहे हैं तो उसमें कोई संदिग्ध व्यक्ति या सामाजिक तत्व के लोग एंट्री ना ले पाए।
ऐसे में अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति कोच में घुसकर सामान चोरी कर लेता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे को लेना नहीं होता है। और संबंधित व्यक्ति को हर जाना भी देना होता है बता दे की रेलवे क्या ऐसा कोई कानून नहीं है लेकिन कंज्यूमर कोर्ट ने अपने दो फसलों में ऐसे मौके को लेकर फैसला यात्री के पक्ष में दिया है।
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रेलवे को देना पड़ेगा कंपनसेशन
आपको बता दे की रेलवे में सफर करने का दौरान अगर आपका सामान चोरी हो जाता है तो इस पर जिम्मेदारी रेलवे की बनती है। पिछले साल चंडीगढ़ के युवक के साथ एक ऐसा ही लूटपाट हो गया था। जिसे लेकर कंज्यूमर फोरम ने रेलवे का आदेश दिया था कि जितनी उसे व्यक्ति की संपत्ति चोरी हुई है।
वह सभी संपत्ति रेलवे को वापस करना पड़ेगा। इसके साथ ही उसे ₹50000 का कंपनसेशन भी देना होगा। कंज्यूमर फोरम ने अपने फैसले में कहा था कि रिजर्व कोच में अधिकृत लोगों का प्रवेश रोकना ते और अटेंडेड की जिम्मेदारी होती है। अगर उनकी लापरवाही से यात्री का नुकसान होता है तो इसके लिए रेलवे भी जिम्मेदार है।
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