Bihar Land News : जमीन मालिकों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब नीतीश सरकार ने उठाया बड़ा कदम, जानिए पूरी जानकारी।

Bihar Land News : बिहार में इन दिनों जमीन विवाद का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी बीच नीति सरकार की तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया है। इस कदम से जमीन के मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा। आईए जानते हैं नीतीश सरकार की तरफ से क्या बड़ा कदम उठाया गया है पूरी जानकारी विस्तार से जानेंगे।

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Zee khabar, Patna, Bihar Land News : बिहार सरकार के तरफ से जब से जमीन रजिस्ट्री के नियम को बदलाव किया गया है तब से लगातार जमीन के विवादी मामले दिन प्रतिदिन देखने को मिल रहे है। आपको बता दे की सरकार की तरफ से सभी डीसीएलआर (DCLR) यानी की भूमि सुधार उपसमाहर्ता कुछ सप्ताह में चार दिन न्याय कर्ज करने का निर्देश दे दिया है। यानी कि सरकार की तरफ से अब तक का सबसे बड़ा जमीन पर फैसला है। नीति सरकार की तरफ से निर्देश लागू होने के बाद जवाब दे ही पर मंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी को दे दिया गया है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के द्वारा इन अधिकारियों को पत्र लिखा गया है जिसमें कहा गया है की भूमि विवाद से जुड़े मामलों को समय के भीतर ही निपटारे की गारंटी करें।

अपर मुख्य सचिव के द्वारा पिछले दिनों भूमि विवाद से जुड़े मामलों की समीक्षा किया था। जिसमें पता चला था की लंबी सुनवाई के बावजूद अब तक सिर्फ 54.65% मामलों का ही निपटारा हो पाया है और बाकी के 45.35% निपटारे के लिए बाकी है।

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Bihar Land News : समीक्षा में क्या बताया गया?

आपको बता दे की समीक्षा में बताया गया कि बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 के अनुसार DSLR के न्यायालय में भूमि विवाद की सुनवाई होता था।

यह अधिनियम के तहत राज्य भर में 11628 मामले दर्ज करवाए गए थे। इनमें से लगभग 6355 मामलों का अभी तक निपटारा हो पाया है। 5273 अभी भी लंबित है। 3 महीने से अधिक समय से लंबित मामलों की संख्या लगभग 3373 है।

अपर मुख्य सचिव के द्वारा पत्र में लिखा गया कि यह एक स्थिति बताती है कि डीएसएलआर की स्तर पर भूमि विवाद अधिनियम के तहत संचालित न्यायालय का कामकाज ठीक-ठाक नहीं हो रहा है। समय पर विवाद का निपटारा न होने के कारण निरीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुकरण की कमी की ओर इशारा करता है।

इसके साथ ही डीएसएलआर को यह भी कहा गया है कि वह सप्ताह में चार दिन अपने न्यायालय में बैठे। प्राथमिकता के आधार पर उन मामलों को जल से जल्द जांच करें और निपटारा करें। जो की 90 दिनों से अधिक समय से लंबित है।

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