Bihar Teacher News : बिहार में शिक्षकों पर आफत ही आफत, 3.50 लाख शिक्षकों की बढ़ी मुश्किलें। केके पाठक सर्टिफिकेट फोल्डर को लेकर हुए कड़क।

Bihar Teacher News : बिहार में कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। आपको बता दे की बिहार में इन दिनों फर्जी टीचर धड़ाधड़ पकड़ रहे हैं। बिहार में शिक्षकों पर के के पाठक के द्वारा लगातार कार्रवाई किया जा रहा है। प्रमाण पत्र की जांच चल रही है और जो भी फर्जी शिक्षक मिल रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जा रहा है। आपको बता दे कि बिहार में इन दोनों 3.50 लाख शिक्षक केके पाठक के रडार पर हैं। आईए जानते हैं संपूर्ण जानकारी विस्तार से।

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Bihar Teacher News KK Pathak

बिहार में के के पाठक लगातार शिक्षा व्यवस्था को सही करने में जुड़े हुए हैं। वहीं शिक्षकों पर भी लगातार खड़ा एक्शन लिया जा रहा है। बिहार में इन दोनों फर्जी प्रमाण पत्र वाले शिक्षक का नौकरी कर रहे हैं और उनकी प्रमाण पत्रों की भी जांच किया जा रहा है। जो फर्जी शिक्षक मिल रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जा रहा है।

लेकिन आपको बता दे कि इसकी गति अभी धीमी है। यह एक कड़वी सच्चाई है यही कारण है कि बिहार में 815 अवैध घोषित शिक्षक के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुआ है और लंबित चल रही है। इसी बीच विभाग की तरफ से उन नियोजन इकाइयों की सूची भी तैयार कर लिया गया है जिनको यहां से नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र वाला फोल्डर गायब मिला है।

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3.52 लाख शिक्षकों की जांच बाकी।

आपको बता दे की नियोजन इकाइयों के सचिव के जिम्मे ही पंचायत, प्रखंड और जिला का कागजात रहता है। इन कागजातों में शिक्षक नियोजन से जुड़ा कागजात भी शामिल है। जिसका दांत को नियोजन इकाई यानी सचिव उपलब्ध अभी तक नहीं कर सके है। यही कारण है कि सीधे नियोजन इकाई के सचिव को जिम्मेदार मानकर विभाग की तरफ से कार्यवाही करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि सुबह में 352927 शिक्षक पुस्तकालय अध्यक्ष के नियोजन की वैधता की जांच बाकी है और जल्द ही इसकी जांच होगी।

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पकड़े गए 815 अवैध शिक्षक पर कार्यवाई अभी तक नहीं

जांच में अवैध मिले शिक्षक प्रति प्रशासन की भी कथित सहानुभूति रही है। इसके अलावा नियोजन इकाइयों की मेहरबानी जग जाहिर रही है। यही कारण है की जांच में अवैध शिक्षा की पुष्टि और प्राथमिक की के बावजूद भी 815 सेट को को सेवा से बर्खास्त नहीं किया गया है और वह लगातार नौकरी कर रहे हैं। गति विभाग का पत्र डीईओ कार्यालय में फाइलों में रखकर बांध दिया गया है। अन्यथा इतनी बड़ी संख्या में अब तक अवैध शिक्षक पर कार्रवाई पूरी हो चुकी होती।

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