Home Loan को लेकर RBI ने बनाए नए नियम, कर्जदारों को मिलेगा बड़ा राहत, आप भी जान लें।

Zee Khabar, RBI New Rule On Home Interest Rate : पिछले साल ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी ने अधिकांश होम लोन की अवधि को बढ़ा दिया है। वास्तव में कुछ लोन धारकों को अब रिटायरमेंट तक लोन का भुगतान करना पड़ता है। जब ब्याज बढ़ता है तो बैंक आमतौर पर लोन धारकों को EMI से बचने के लिए लोन की अवधि को बढ़ा देता है।

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हालांकि कभी-कभी यह एक्सटेंशन लंबी अवधि तक चलता रहता है। और हायर इंटरेस्ट और हेलो के कारण कर्जदारों को भी नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। लोन धारक के हित का ध्यान रखते हुए RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने अभी हाल ही में होम लोन लेने वालों के लिए पेमेंट नियमों को बदल दिया है। अगर आप भी लोन धारक है तो आपके लिए बड़ी राहत की खबर है।

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होम लोन की EMI बढ़े या फिर टेन्योर बढ़ाएं

जब होम लोन पर ब्याज बढ़ता है तो लोन धारक आमतौर पर EMI बढ़ाने के बजाय लोन की अवधि यानी टेन्योर बढ़ाना पसंद करते हैं। Bankbazaar.com के CEO आदिल सेट्टी बताते हैं कि अब तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की स्थिति में लोन धारकों के लिए टेन्योर विस्तार डिफॉल्ट सेटिंग रहता है।

जब बैंक के द्वारा लोन दिया जाता है तो प्रत्येक लोन धारक की रीपेमेंट क्षमता की अलग से जांच करने के बजाय टेन्योर बढ़ाने जैसे निर्णय ले लेता है। सेबी रजिस्टर निवेश सलाहकार और सहजमनी.कॉम के संस्थापक अभिषेक कुमार कहते हैं कि यह एक सामान्य प्रथम रही है। ताकि इसे लोन धारक को तुरंत एमी में बढ़ोतरी का एहसास ना हो पाए।

Home Loan पर आरबीआई के नए निर्देश से क्या बदला है?

आरबीआई (RBI) के तरफ से जारी एक सर्कुलर में लोन देने वालों बैंक, संस्थाओं से कहा कि वह लोन धारकों को या तो EMI बढ़ाने या लोन टेन्योर बढ़ाने का विकल्प प्रदान करें। या फिर होम लोन पर ब्याज दरों को रिसेट करते समय दोनों विकल्पों को एक साथ प्रयोग करें।

ब्याज रिसेट के समय लोन धारकों को एक निश्चित ब्याज दर पर स्विच करने का विकल्प दिया जाना चाहिए। ताकि फ्लोटिंग से फिक्स में स्विच करने के लिए सभी लागू शुल्कों का खुलासा लोन एक्सेप्टमेंट लेटर में किया जाए।

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लोन धारकों को लोन टेन्योर बढ़ाने या फिर EMI में वृद्धि या दोनों का विकल्प दिया जाना चाहिए

लोन देने वाले बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टेन्योर में वृद्धि के परिणाम स्वरुप नकारात्मक परी शोध यानी इंटरेस्ट पेमेंट में सफलता पर शेष राशि को बढ़ाना नहीं चाहिए।

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होम लोन पर आरबीआई का नया नियम यह है। इस प्रकार उठाएं फायदा

आरबीआई के नए नियम के अनुसार अभ्यास दर बढ़ने पर कर्जदारों को टेन्योर और ब्याज दर में चुनने का भी विकल्प मिलेगा। बैंकों को कर्जदारों को यह तय करने का भी मौका मिलेगा कि वह अपने लोन की अवधि बढ़ाना चाहते हैं या फिर EMI को बढ़ाना चाहते हैं। या फिर आप दोनों विकल्पों का मिश्रण अपनाना चाहते हैं। हालांकि जैसे ही बैंक इसका परिचालन शुरू करेगा तो वर्कियां स्पष्ट हो जाएगी।

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