Sahara India Refund : सहारा इंडिया के निवेशकों का पैसा अभी तक फंसा हुआ है। ऐसे में उनके लिए काम की खबर है। आपको तो पता होगा ही की बिहार में चुनावी माहौल का सिलसिला चल रहा है। लगातार नेता आ रहे है तो जा रहे है।
आपको बता दे की बिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह जी के द्वारा भरोसा दिया गया कि निवेशकों का पाई पाई पैसा मोदी सरकार वापस करवाएगी। इस मामले में काम चल रहा है। देरी को लेकर उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव और कंपनी दोनों ने इन्वेस्टमेंट को लेकर परेशानी हो रही है। मगर निवेशको का पैसा लौटाने (Sahara India Refund) पर काफी तेजी से काम किया जा रहा है।
Sahara India Refund : सहारा में फंसे पैसे को लेकर अमित शाह जी के द्वारा कहा गया यह बात
आपको बता दे की गया के गुरारू में जनसभा का संबोधित करते हुए अमित शाह जी के द्वारा कुछ लोग को सहारा समूह में लगाए गए पैसे की पेमेंट की बात कर रहे थे। अमित शाह जी के द्वारा कहा गया कि नरेंद्र मोदी जी के सरकार ने शहर के कोऑपरेटिव में जितने लोगों का पैसा फंसा हुआ है वह सारा पैसा वापस करने का निर्णय लिया गया है। ऐसा यह भी बताया गया है कि निवेशकों के पैसे लौट आए गए हैं। वह सारा इन्वेस्टमेंट वापस (Sahara India Refund) करने का निर्णय लिया गया है।
अभी आपको जो तकलीफ हो रही है वह इसलिए हो रही है क्योंकि कुछ तो कोऑपरेटिव के डिपॉजिटर्स हैं और कुछ कंपनी के है। अभी कोऑपरेटिव का शुरू किया है। 10000 तक ही अभी आपको सहारा रिफंड क्लेम मिलहै। वह जितना पैसा वसूल है वह सारा दे देना है आप चिंता ना करें एक बार सुचारू रूप से ₹10000 तक पेमेंट हो जाए आगे की पेमेंट की शुरूआत जल्द ही हो जाएगी।
10000 की लिमिट को बढ़ाने को लेकर अमित शाह ने दिया लोगों को भरोसा
दरअसल आपको बता दे की जुलाई 2023 में केंद्र सरकार की तरफ से एक पोर्टल को लांच किया गया था जिसके बाद से ही चित फंड कंपनी सहारा इंडिया के करोड़ों निवेशकों को फंसे पैसे वापस मिलने की उम्मीद जग गई थी। लेकिन सहारा ग्रुप के द्वारा जो इतनी बड़ी मोटी रकम में पैसे घोटाले हुए हैं वह पैसे लोगों के फंसे हुए हैं और उन लोगों का पैसा सिर्फ 10000 ही नहीं बल्कि और भी बड़े अमाउंट में है उन लोगों का पैसा कैसे मिलेगा।
सहारा इंडिया ग्रुप ने देश के 26 राज्यों के लगभग 2 करोड़ 76 लाख छोटे निवेशकों से 80000 करोड रुपए जमा करवाए हैं। इसमें निवेशकों का सवाल यह है लाजमी होता है कि हमारा जो पैसा मोटा अमाउंट में फंसा हुआ है वह हमें कैसे वापस मिलेगा। सहारा ग्रुप के खिलाफ परिवर्तन निदेशालय सीमित कई एजेंसियां 2008 से जांच कर रही है। इसी बीच छोटे निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए केंद्र सरकार ने सेंट्रल रजिस्टार आफ कोऑपरेटिव सोसाइटी का पोर्टल को लांच किया है। इसके तहत निवेशकों को अधिकतम ₹10000 लौटने की बात कही गई थी। लेकिन यह भी पैसा लोगों को मिल नहीं पा रही है।
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यूपी बिहार के लगभग एक करोड़ 40 लाख सहारा के निवेशक है।
आपको बताने की पोर्टल लॉन्च करने के वक्त माना गया था कि 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की कार्यकाल में लोगों के पैसे वापस मिल जाएंगे। और इसके लिए अमित शाह जी के द्वारा पूरी कोशिश किया गया कि मिडिल क्लास के उन वोटो से जुड़ सकेंगे। जिन्होंने सहारा कोऑपरेटिव में निवेश किया है।
सहारा इंडिया के जिम कर कोऑपरेटिव सोसाइटी में लोगों का पैसा फंसा हुआ है वह सहरायण क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी लिमिटेड, हमारा इंडिया को क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड है। शहर के निवेशकों की बात करें तो यूपी में शहर के इन स्कीमों में पैसा लगाने वाले की तादाद लगभग 85 लाख निवेदक है। इन लोगों ने 22000 करोड़ रुपया का निवेश किए हैं। इनमें से बिहार के 55 लाख निवेशक हैं तो झारखंड के 24 लाख निवेशक है। 2017-18 से निवेशकों का रिटर्न अभी तक मिलना बंद हो चुका है।
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